राष्ट्रीय एकीकरण परिषद की स्थायी समिति ने 26 नवम्बर 1968 को दिल्ली में हुई प्रथम बैठक में की गयी सिफारिश के अनुरूप वर्ष 1968 में राष्ट्रीय एकीकरण विभाग का गठन किया गया था। राष्ट्रीय एकीकरण विभाग की योजनाएं दीर्घकालीन व सतत प्रयास वाली हैं। विभाग की योजनाओं / कार्यक्रमों से जनमानस में राष्ट्रीय एकता, साम्प्रदायिक सदभाव एवं सामाजिक समरसता की भावना जागृत होती है। विभाग की महत्वपूर्ण योजनाओं का आयोजन वर्ष में एक बार अपनी निर्धारित तिथि पर सम्पन्न होता है अथवा समय-समय पर शासन द्वारा लिये गये निर्णय के अनुरूप विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है। वर्तमान में राष्ट्रीय एकीकरण विभाग के अधीन निम्नलिखित योजनायें / कार्यक्रम संचालित किये जा रहे हैं:
1- लौह पुरुष सरदार बल्लभ भाई पटेल के जन्म दिवस दिनांक 31 अक्टूबर को प्रतिवर्ष " राष्ट्रीय अखण्डता दिवस " के रूप में मनाया जाता है। इस सम्बन्ध में विभाग के शासनादेश दिनांक- 5 मई 2001 में प्रत्येक जनपद को रूपये 5000/- की धनराशि स्वीकृत की जाती रही है। आगामी वित्तीय वर्ष 2025-26 हेतु वर्तमान लोकप्रिय सरकार द्वारा प्रश्नगत मद में रू0 5 हजार से बढाकर रू0 50 हजार प्रति जनपद (लखनऊ को छोडकर) तथा मुख्यालय लखनऊ पर जिलाधिकारी लखनऊ के माध्यम से प्रशनगत कार्यक्रम के आयोजन हेतु रू0 5 लाख की बजटीय व्यवस्था अर्थात कुल रू0 42 लाख की धन व्यवस्था प्राविधानित की गयी है। भारत सरकार की ओर से निर्गत निर्देशों के अनुसार राष्ट्रीय एकता के संबंध में निम्न शपथ को ग्रहण करने के निर्देश सभी आयोजित कार्यक्रमों में किए गए हैं:-
शपथ
" मैं सत्यनिष्ठा से शपथ लेता हूँ कि मैं राष्ट्र की एकता, अखंडता और सुरक्षा को बनाए रखने के लिए स्वयं को समर्पित करूंगा और अपने देशवासियों के बीच यह संदेश फैलाने का भी भरसक प्रयत्न करूंगा । मैं यह शपथ अपने देश की एकता की भावना से ले रहा हूँ जिसे सरदार वल्लभभाई पटेल की दूरदर्शिता एवं कार्यों द्वारा संभव बनाया जा सका। मैं अपने देश की आंतरिक सुरक्षा सुनिश्चत करने के लिए अपना योगदान करने का भी सत्यनिष्ठा से संकल्प करता हूँ"
2- बाबा साहब डा० भीमराव अम्बेडकर के जन्म दिवस पर विभिन्न कार्यक्रमों के आयोजन हेतु शासनादेश दिनांक- 27 मार्च 2003 के द्वारा प्रत्येक जनपद को रूपये 35,000/-की धनराशि स्वीकृत की जाती है। इस मद में पूर्व की भाँति प्रत्येक वित्तीय वर्ष में रू० 26.25 लाख की बजट व्यवस्था हो रही है।
3- प्रदेश के जनपदों के ऐसे ज्ञात-अज्ञात महानुभाव जिन्होंने स्थानीय समाज में भाई-चारे की भावनओं को विकसित करने तथा विभिन्न सम्प्रदायों के बीच आपसी मेल मिलाप के माहौल को सुदृढ़ करने में उल्लेखनीय योगदान दिया हो, के जन्म दिवस मनाये जाने हेतु धनराशि स्वीकृत की जाती है। इस मद में प्रत्येक वित्तीय वर्ष में रूपये 26,25,000 की व्यवस्था की जा रही है। इस योजना में प्रत्येक जनपद को रु० 35000 की धनराशि आवंटित की जाती है।
4- प्रदेश में निवासरत जन सामान्य में से कोई एक महानुभाव, जिन्होंने मानवाधिकारों की रक्षा, सामाजिक न्याय एवं राष्ट्रीय एकीकरण के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य किया हो तथा इस दिशा में सतत् संलग्न रहे हों, का अभिज्ञान कर शासन द्वारा उन्हें गुरु गोविन्द सिंह राष्ट्रीय एकता पुरस्कार के रूप में सार्वजिनक रूप से सम्मानित करने के उद्देश्य से गुरु गोविन्द सिंह के जन्मदिवस 5 जनवरी के अवसर पर राज्य सरकार द्वारा रूपये एक लाख का नकद पुरस्कार तथा प्रशस्ति पत्र प्रदान किया जाता है। प्रदेश सरकार द्वारा यह योजना वर्ष 2001 से प्रारम्भ की गई है। इस मद में भी पूर्व की भांति प्रत्येक वित्तीय वर्ष में 2.00 लाख की बजट व्यवस्था की जा रही है।
5- प्रतिवर्ष दिनांक 19 से 25 नवम्बर तक भारत सरकार के दिशा निर्देश पर कौमी एकता सप्ताह मनाया जाता हैं इस सम्बन्ध में विभाग के शासनादेश दिनांक-13 नवम्बर 2013 में प्रदेश के प्रत्येक जनपद को रूपये 5,000/- की धनराशि स्वीकृत की जाती है। इस मद में भी प्रत्येक वित्तीय वर्ष में रूपये 3,75,000 की बजट व्यवस्था की जा रही है। इस हेतु 'कौमी एकता सप्ताह मनाये जाने का तिथिवार कार्यक्रम निम्न प्रकार है :-
19 नवम्बर : राष्ट्रीय अखण्डता दिवस
धर्म निरपेक्षता, सांप्रदायिकता-विरोधी और अंहिसा संबंधी विषयों को महत्व देने क लिए बैठकें, विचार-गोष्ठियां और सेमीनार आयोजित किए जाएं।
20 नवम्बर : अल्पसंख्यक कल्याण दिवस
प्रधान मंत्री के 15 सूत्रीय अल्पसंख्यकों के कार्यक्रम की बातों पर जोर दिया जाए। दंगा सम्भावित शहरों में भाई-चारा बढ़ाने के लिए विशेष जूलूस निकाले जाए।
21 नवम्बर : भाषाई सद्भावना दिवस
विशेष साहित्यिक समारोहों और कवि सम्मेलनों का आयोजन किया जाए ताकि भारत में प्रत्येक क्षेत्र के लोग एक दूसरे की भाषाई धरोहर को समझ सके।
22 नवम्बर : कमजोर वर्ग दिवस
विभिन्न सरकारी कार्यकमों के तहत अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति तथा कमजोर वर्ग के लोगों की सहायता करने वाली मदों का प्रचार-प्रसार करने के लिए बैठकें और रैलियां आयोजित की जाएं और अतिरिक्त जमीन भूमिहीन मजदूरों को आवंटित करने पर जोर दिया जाए।
23 नवम्बर : सांस्कृतिक एकता दिवस
"विविधता में एकता' की भारतीय परम्परा को प्रस्तुत करने और सांस्कृतिक संरक्षण तथा अखण्डता को बढ़ावा देने के लिये सांस्कृतिक समारोहों का आयोजन किया जाए।
24 नवम्बर : महिला दिवस
भारतीय समाज में महिलाओं के महत्व और राष्ट्र निर्माण में उनकी भूमिका को उजागर किया जाए।
25 नवम्बर : संरक्षण दिवस
पर्यावरण को सुरक्षित रखने के प्रति जागरूकता बढ़ाने की आवश्यकता पर बल देने के लिए बैठकों और समारोहों का आयोजन किया जाए।
6- भाई चारा तथा साम्प्रदायिक एकता, सौहार्दपूर्ण वातावरण निरन्तर कायम रखने के उद्देश्य से जिला एकीकरण समिति का गठन किया गया है। इन समितियों द्वारा प्रमुख त्योहारों एवं उत्सवों जैसे रक्षा-बन्धन, होली, दिवाली, ईद-बकरीद, क्रिसमस डे तथा बसन्त पंचमी सामूहिक रूप से मनाने की व्यवस्था करना तथा इन अवसरों पर स्वतंत्रता संग्राम सेनानीं एवंम ऐसे व्यक्तियों, जिन्होंने साम्प्रदायिक दंगों की रोकथाम तथा नियंत्रण हेतु अपनी जान खतरे में डाल कर दूसरे सम्प्रदाय के सदस्यों की जान बचायी हो एवं अन्तर्धार्मिक विवाह प्रोत्साहन योजना के अन्तर्गत पुरस्कृत किये गये को आमंत्रित कर सम्मानित करना होता है, ताकि समाज के अन्य लोग उनसे प्रेरणा ले सकें। इस मद में प्रत्येक वित्तीय वर्ष में रूपये 15,00,000 की बजट व्यवस्था की जा रही है।
7- मौलाना अबुल कलाम आजाद द्वारा तथा उनके ऊपर अन्य द्वारा लिखित उर्दू की पुस्तकों, पत्र पत्रिकओं का अन्य भाषाओं में अनुवाद कर उसे देश के पुस्तकालयों एवं वाचनालयों को उपलब्ध कराने के उद्देश्य से मौलाना आजाद स्मारक अकादमी, लखनऊ, जो कि एक गैर सरकारी स्वैच्छिक संस्था है, को प्ररम्भ में रू० तीन लाख का वार्षिक अनुदान दिया जाता था, जिसे वित्तीय वर्ष 2014-15 में बढ़ाकर रू0 15,00,000 की व्यवस्था की गई है।
8- "अन्तर्धार्मिक विवाह के लिये उत्तर प्रदेश अन्तर्धार्मिक विवाहित दम्पति को प्रोत्साहन देने की नियमावली, 1976" लागू है, जिसके अन्तर्गत ऐसे विवाहित जोड़ों, जो विवाह के पूर्व अलग-अलग धर्म को मानने वाले रहे हों को अन्तर्धार्मिक विवाह की श्रेणी में रखा गया है। ऐसे दम्पत्ति को प्रोत्साहन स्वरूप रूपये 50,000/- का नकद पुरस्कार, प्रशस्ति पत्र तथा मेडल प्रदान किया जाता है एवं सुसंगत प्रस्ताव जिलाधिकारी/मण्डलायुक्तों के माध्यम से शासन में प्राप्त होते है।
9- राष्ट्रीय एकीकरण विभाग के अन्तर्गत राज्य एकीकरण परिषद, गठित है। जिसके पदेन अध्यक्ष मा० मुख्य मंत्री जी हैं तथा उपाध्यक्ष पद पर पदेन विभागीय मंत्री जी नामित है।